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Thursday, October 8, 2009

"हृदय के सवालों का जवाब"

Maharaji In Italy
5 जुलाई, 2009

इटली देश के पोटेन्जा शहर में 5 जुलाई 2009 को यहां के गणमान्य व वििशष्ट व्यक्तियों के लिए महाराजी का एक कार्यक्रम सम्पन्न हुआ। इस शहर को 'शांति का शहर' के नाम से जाना जाता है। भाव-भीनी संगीत के माहौल में महाराजी का स्वागत करते हुए पोटेन्जा शहर के गर्वनर ने कहा कि प्रेम रावत जी का इस क्षेत्र में होना एक अमिट छाप छोड़ जायेगा। उनका शांति व प्रेम का संदेश मानव जाति के लिए एक सबसे सुंदर धरोहर है।

इटली देश के प्रेसीडेंट कोलोम्बो ने श्रोताओं को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुझे बड़ी प्रसन्नता है व मेरा सौभाग्य है कि एक बार िफर प्रेम रावत जी को अपने ही शहर पोटेन्जा में स्वागत करने का मौका मिल रहा है। उन्होंने आगे कहा कि अक्सर लोग कहते हैं कि अगर शांति चाहिए तो युध्द के लिए तैयार हो जाइए परंतु प्रेम रावत जी का कहना है कि अगर आप शांति चाहते हैं तो शांति के लिए तैयार हो जाइए।

अपने संदेश में महाराजी ने कहा :-

* आपके पूर्वज भी वही प्रश्न पूछते थे कि मैं कौन हूं? मैं क्या हूं? मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है? आज सारा संसार बदल गया है। सेल फोन है, कारे हैं, पुस्तके हैं, संचार के साधन हैं और लोगों की बहुत सारी समस्याएं हल हो गयी हैं। किन्तु इस तकनीकी युग में भी लोगों के हृदय के सवाल नहीं बदले हैं। लोगों के अंदर अभी भी सवाल हैं कि मैं कौन हूं? मैं क्या हूं? मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है? और जिन्होंने इस प्रकार के प्रश्न अभी नहीं पूछे हैं वे कभी न कभी ये प्रश्न पूछेंगे। मैं कौन हूं? मैं क्या हूं? मेरे जीवन का लक्ष्य क्या है?
* संसार में कितने ही धर्म हैं लोग फिर भी ये प्रश्न पूछते हैं। संसार में कितनी ही पुस्तकें हैं फिर भी लोग ये प्रश्न पूछते हैं क्योंकि इनका उत्तर पुस्तकों में नहीं है। इनका उत्तर कही सुनी बातों में नहीं बल्कि अनुभव में, संतुष्टि में, शांति में छिपा है। इन चीजों को समझना जरूरी है। - हजारों बुझी हुई मोम्बत्तियां एक बुझी हुई मोम्बत्ती को नहीं जला सकती है। परंतु एक जलती हुई मोमबत्ती हजारों बुझी हुई मोमबत्ती को जला सकती है। क्योंकि मोमबत्ती को जलाने में संख्या का इससे कुछ लेना-देना नहीं है।

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