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Thursday, October 8, 2009

"बूंद की ख्वाहिश "


बूंद की ख्वाहिश!महाराजी

29 मार्च 2009


लोकोक्ति के अनुसार भगवान शंकर की प्राचीन नगरी बनारस के निकट और ऋषि-मुनियों के तपस्‍थली गाजीपुर के सैदपुर में महाराजी का प्रवचन सुनने के लिए लाखों लोग उपस्थित थे। स्टेज पर जब सुबह नौ बजे महाराजी का पदार्पण हुआ तो अपार जन समूह और बादलों की लुकाछिपी और ठंडी हवाओं के साथ ही मानो पूरी प्रकृति ने उनका स्वागत किया। इस अवसर पर विशाल जनसमूह को सम्बोधित करते हुए महाराजी ने मनुष्य शरीर की तुलना एक बूंद से करते हुए समझाया कि पानी की नन्हीं-सी बूंद में अपार क्षमता होती है। वह पहाड़ों का नामोनिशान मिटा सकती है, शहरों व ग्रामों तक बिजली पहुंचा सकती है, सारी मनुष्य जाति को खाना खिला सकती है, पर बूंद की असली ख्वाहिश तो समुद्र से मिलने की रहती है। नदी के रूप में वह निरंतर समुद्र से मिलने के लिए बहती है। जब वह बूंद समुद्र में मिल जाती है तो तृप्त हो जाती है और समुद्र के रूप में परिवर्तित हो जाती है।

महाराजी ने कहा कि मनुष्य भी एक बूंद के समान है, वह भी लीन होना चाहता है अपने समुद्र के साथ। वह ऐसा समुद्र है जिसके हजारों नाम रखे गए हैं - परमपिता परमेश्वर, भगवान, अल्लाह, गॉड इत्यादि इत्यादि। ये सभी नाम मनुष्य द्वारा बनाई गई भाषा के अस्तित्व में आने के बाद ही सामने आए, जबकि वह परम शक्ति भाषा से परे है। उसे लोग मानते तो जरूर हैं, पर जानते नहीं हैं, आवश्यकता है उसे जानने की, ताकि जीवन में असली संतुष्टि हो सके। जिस चीज की मनुष्य को तलाश है वह मनुष्य के अंदर ही है। महाराजी ने कहा कि जीवन में चाहे तुमने सबकुछ प्राप्त कर लिया, पर अगर आत्मज्ञान को नहीं पाया तो तुम्हारा जीवन अधूरा ही रह जायेगा। आत्मज्ञान सबसे श्रेष्ठ है।

महाराजी ने कहा कि यह ज्ञान अनमोल है, इसकी कोई कीमत नहीं है और प्रेम के नाते मैं हृदय से यह ज्ञान लोगों को देता हूं। अपने जीवन में आत्मज्ञान को खोजो, ढूंढकर उस समुद्र रूपी परमेश्वर से मिलने के अपने मकसद को पूर्ण करो। अगर वह तुम्हें कहीं और न मिले, तो हमारे पास आअो, मैं तुम्हारी मदद कर सकता हूं। क्योंकि मैं यही कार्य करता हूं।
उपस्थित जन समुदाय ने महाराजी के प्रेरणादायक सत्संग को हृदय स सुना और जीवन में सच्ची सुख-शांति को प्राप्त करने के लिए एक नयी दिशा पाई। स्थानीय लोग महाराजी को सुनकर भाव विह्वल थे। उनके उद्गार थे कि अब यह स्थली हमारे लिए तीर्थ स्थल के रूप में परिवर्तित हो गई। लोगों का कहना था कि आज ऐसे गुरु महाराजी से हमारा क्षेत्र और हम लोग धन्य हो गए। आयोजकों से महाराजी को इस क्षेत्र में बार-बार आने और अपने प्रवचनों से हम लोगों को लाभान्वित करने के लिए स्थानीय लोगों द्वारा अनुरोध किया गया।

1 comment:

  1. enka jo word hai? us har ek word k ander jiwan se jure word hota hai . i like this

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